Wajood
आँखों की गहराइयो में
दिल की तन्हाइयो में
विरानीयो के अंधेरो में
धुंधले से सवेरो में
ढूंढ़ता हु खुद को,
खुद की पर्छाइओ को,
है वजूद मेरे होनेपन का,
या बस एक ख्वाब बनके रह गया हु
कौन हु मै, क्यों जी रहा हु यहाँ
हु जिंदा,या बस एक लाश बनके रह गया हु
कहा है वजह, क्यों जी रहा हु यहाँ
तुम नहीं हो फिरभी, क्यों जी रहा हु यहाँ
दिल की तन्हाइयो में
विरानीयो के अंधेरो में
धुंधले से सवेरो में
ढूंढ़ता हु खुद को,
खुद की पर्छाइओ को,
है वजूद मेरे होनेपन का,
या बस एक ख्वाब बनके रह गया हु
कौन हु मै, क्यों जी रहा हु यहाँ
हु जिंदा,या बस एक लाश बनके रह गया हु
कहा है वजह, क्यों जी रहा हु यहाँ
तुम नहीं हो फिरभी, क्यों जी रहा हु यहाँ
- Asthir Amdavadi
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