ग़लतफ़हमियाँ
कौन कहेता है के गर्मी के काले हो जाते है?
मै तो धुप में घूम फिर के गोरा हुआ हु!
कौन कहेता है के बड़े हो के सयाने हो जाते है?
मै तो इस उम्र में ही छिछोरा हुआ हु!
कौन कहेता है पि के टुन्न हो जाते है?
मै तो पि कर भी मश्करा हुआ हु!
कौन कहेता है खा खा के मोटे हो जाते है?
मै तो खा खा के भी मरमरा हुआ हु!
कौन कहेता है लडकिया भाव नहीं देती?
में तो हर वक्त उनसे ही घिरा हुआ हु!
कौन कहेता है प्यार में सब लूट जाता है?
मै तो उसके बिना ही बिखरा हुआ हु!
-अस्थिर अमदावादी
Kush Vyas
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