अकेला

ज़िन्दगी से क्या माँगा, और क्या पाया है
सोचते थे हर कदम पर मेरे यार का साया है,
पर जब चल पड़े, कोई नहीं था साथ हमारे
हर मोड़ पर खुद को अकेला पाया है |

- Asthir (and अकेला) Amdavadi
Kush

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